धनतेरस और दीपावली पर इस बार शहर में एक हजार के नकली नोटों की धड़ल्ले से सप्लाई हुई है। खास बात ये रही कि ये नकली नोट रिजर्व बैंक की ओर से हाल ही में जारी किए गए नए सीरीज के नोट की तरह हैं। कई कारोबारियों ने संबंधित बैंकों के अलावा रिजर्व बैंक में इसकी शिकायत की है। कारोबारी नोट सप्लाई करने वालों की चेन का तो पता नहीं कर पाए नमूने के तौर पर अमर उजाला को नोट दिखाए हैं। उन्हें ये नोट ग्राहकों से एक हजार के कई नोटों के बीच में मिले। उधर, रिजर्व बैंक ने पहले ही नकली नोटों पर ग्राहकों के लिए गाइड लाइन जारी कर रखी है। रिजर्व बैंक की ओर से हाल ही में जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ग्राहक नोटों को पड़ताल के बाद ही स्वीकार करें। शक होने पर पुलिस, स्थानीय बैंक व रिजर्व बैंक को सूचित करें। अागे पढ़िए नकली नाेटाें के पहचान करने के तरीके....
अंकों की माइक्रोलेटरिंग
गांधी जी की तस्वीर के पास ही बड़े नोट पर छोटे अक्षरों में 500 या 1000 लिखा होता है। इससे कम के नोट पर तस्वीर के पास आरबीआई लिखा होता है। नकली नोट पर माइक्रोलेटरिंग उभर कर नहीं आ पाती।
उभरी प्रिंटिंग
नोट को खास लुक देने के लिए प्रिंटिंग में विशेष प्रकार की स्याही का इस्तेमाल किया जाता है। इसे इंटैगलिया प्रिंटिंग कहते हैं। इस स्याही की वजह से गांधी जी फोटो, आरबीआई की सील व गवर्नर के साइन छूने पर उभरे हुए महसूस होते हैं।
सिक्योरिटी थ्रेड
सिक्योरिटी थ्रेड पर लिखा भारत और आरबीआई नकली नोट में स्पष्ट नहीं होता जबकि असली नोट में यह चमक के साथ दिखाई पड़ता है। सिक्योरिटी थ्रेड नोट पर चमकीले धागे की तरह होता है।
वॉटर मार्क
असली नोेट में कोरे स्थान पर वाटर मार्क से महात्मा गांधी की फोटो बनाई गई है। इसे हल्का तिरछा करने पर देखा जा सकता है।
लेटेंट इमेज
नई सीरीज में नोट पर गांधी जी की फोटो के पास लेटेंट इमेज बनी होती है। नोट को सीधा करने पर जितने का नोट होता है उसकी संख्या दिखाई पड़ती है। नकली नोट में यह इमेज नहीं दिखाई देती।
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