हमारी अजीब हरकतों और सब कुछ हासिल करने की जिद्द ने आज हमें उस मुहाने पर ला खड़ा किया है जहां से सिर्फ विनास का भयानक तांडव है। शहर के शहर श्मशान बन गए हैं। क्या इटली, क्या चीन, क्या ईरान, क्या फ्रांस सब आज एक पंक्ति में खड़े नजर आ रहे हैं। कल तक हम वैश्विक ताकत बनने की होड़ में दौड़ रहे थे आज हम उस अनजाने दुश्मन से लड़ रहे जिसका ठीक-ठीक अंदाज भी नही है। स्वास्थ्य सुविधाओं में नंबर दो की हैसियत रखने वाला इटली आज लाशें उठाने और दफनाए जाने को लेकर चिंतित है। ईरान पर प्रतिबंध लगाने वाला अमेरिका आज हर मदद को तैयार है और उसी कतार में ईरान के साथ खड़ा है। दुनिया के सैकड़ों देश इस त्रासदी की विभीषिका झेल रहे हैं। कब और कैसे इससे निपटा जाएगा इज़के भी अंदाज़ ही अब तक लगाया जा सका है। न किसी के पास ठोस विकल्प है न ठोस जवाब।
परमाणु बम बनाने वाली और उसके बल पर सबकुछ हासिल करने वाली दुनिया आज आंख से नजर न आने वाले उस वायरस के आगे घुटनों के बल खड़ी है जो सुनने में बहुत आम से लगता है लेकिन मानव अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बन कर उभरा है। हालांकि इस वायरस ने सब कुछ बुरा ही नही किया है। सबसे अच्छे पहलू की बात करें तो इसने दुनिया को एक कार दिया। आज दुनिया के तमाम देश एक दूसरे के साथ खड़े होने की न सिर्फ वकालत कर रहे हैं बल्कि यथासंभव एक दूसरे की मदद भी कर रहे हैं। कई देश इससे तेजी से निपट रहे तो कुछ गिरते संभालते आगे बढ़ने की कोशिश में लगे हैं।
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